Here we are providing you the ramayan prashnavali ( also known as ram shalaka prashnavali ) with answers in hindi language which will help you in your study and exams.
All about ramayan prashnavali ( ram shalaka prashnavali ) in Hindi
रामायण प्रश्नावली, जिसे “रामचरितमानस प्रश्नावली” के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन भारतीय भविष्यवाणी प्रणाली है। इसे तुलसीदास द्वारा रचित “रामचरितमानस” के अंशों के आधार पर बनाया गया है।
रामायण प्रश्नावली में आमतौर पर कुछ लोकप्रिय प्रश्न और उनके उत्तर निम्नलिखित हो सकते हैं:
रामायण प्रश्नावली में आमतौर पर कुछ लोकप्रिय प्रश्न और उनके उत्तर निम्नलिखित हो सकते हैं:
प्रश्न: रामायण के रचयिता कौन हैं?
उत्तर: महर्षि वाल्मीकि
प्रश्न: रामायण के प्रमुख पात्र कौन-कौन हैं?
उत्तर: श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण
प्रश्न: श्रीराम के पिता का नाम क्या था?
उत्तर: राजा दशरथ
प्रश्न: रामायण के अनुसार, श्रीराम की पत्नी का नाम क्या था?
उत्तर: सीता
प्रश्न: लंका का राजा कौन था?
उत्तर: रावण
प्रश्न: लक्ष्मण की पत्नी का नाम क्या था?
उत्तर: उर्मिला
प्रश्न: रामायण में हनुमान किसके भक्त थे?
उत्तर: श्रीराम
प्रश्न: रामायण के कितने कांड हैं?
उत्तर: सात कांड
प्रश्न: सीता का अपहरण किसने किया था?
उत्तर: रावण
प्रश्न: श्रीराम ने वनवास के कितने वर्षों का समय बिताया?
उत्तर: 14 वर्ष
प्रश्न: रामायण के किस कांड में सीता का हरण हुआ?
उत्तर: अरण्य कांड
प्रश्न: श्रीराम का जन्म किस नगर में हुआ था?
उत्तर: अयोध्या
प्रश्न: रावण का वध किस कांड में होता है?
उत्तर: युद्ध कांड
प्रश्न: रामायण के अनुसार, श्रीराम ने किसकी सहायता से लंका पर चढ़ाई की?
उत्तर: वानर सेना और हनुमान
प्रश्न: रामायण के बालकांड में किसका वर्णन है?
उत्तर: श्रीराम के जन्म और उनके बाल्यकाल का
प्रश्न: रामायण में समुद्र को पार करने के लिए श्रीराम ने किससे सहायता मांगी थी?
उत्तर: समुद्र देवता
प्रश्न: रामायण में राम सेतु किसने बनाया था?
उत्तर: नल-नील (वानर)
प्रश्न: रामायण में ‘सुग्रीव’ कौन थे?
उत्तर: वानरराज, श्रीराम के मित्र
प्रश्न: रामायण में ‘अशोक वाटिका’ का उल्लेख किस घटना से संबंधित है?
उत्तर: सीता का रावण द्वारा रखा गया स्थान
प्रश्न: रामायण के अनुसार, विभीषण कौन थे?
उत्तर: रावण के भाई और श्रीराम के अनुयायी
रामायण प्रश्नावली तालिका ( राम शलाका प्रश्नावली )
इस तालिका में 9×9 कुल 81 घर होते हैं। प्रत्येक घर में रामचरितमानस के एक दोहे या चौपाई का संदर्भ होता है।
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प्रश्नावली की विधि
- ध्यान केंद्रित करें: सबसे पहले, भगवान राम का ध्यान करें और अपनी समस्या या प्रश्न के बारे में सोचें।
- संख्या चुनें: ध्यान करते हुए, मन में 1 से 108 के बीच की एक संख्या चुनें।
- उत्तर प्राप्त करें: नीचे दी गई तालिका में चुनी गई संख्या के अनुसार उत्तर देखें। प्रत्येक संख्या के लिए एक दोहा या चौपाई का संदर्भ दिया गया है।
उत्तर तालिका
नीचे कुछ प्रमुख उत्तरों के उदाहरण दिए जा रहे हैं:
- संख्या 1:
- दोहा: “श्रीगुर पद नख मनि गन जोति, सुमिरत दिव्य दृष्टि हियँ होति।”
- अर्थ: गुरु के चरणों की नखों की मणियों की ज्योति का स्मरण करने से हृदय में दिव्य दृष्टि उत्पन्न होती है। आपकी समस्या का समाधान गुरु की शरण में जाने से होगा।
- संख्या 18:
- दोहा: “समरथ को नहिं दोष गुसाईं। रावण अनुछुद्रव कहुँ जाई॥”
- अर्थ: सामर्थ्यवान व्यक्ति को कोई दोष नहीं लगता। रावण को मारने के लिए हनुमान जी का स्मरण करें। आपके कार्य में सफलता मिलेगी।
- संख्या 27:
- दोहा: “तब हनुमंत निकट चलि गावा। पवन तनय बल पावक जावा॥”
- अर्थ: हनुमान जी निकट आकर गाने लगे, उनकी कृपा से बल और सफलता मिलेगी। आपके कार्य सिद्ध होंगे।
- संख्या 45:
- दोहा: “जेहि पर कृपा राम कै होई। ताहि संकट कबहुँ नहिं होई॥”
- अर्थ: जिस पर राम की कृपा होती है, उसे कभी भी संकट नहीं आता। भगवान राम की कृपा से आपका कार्य सिद्ध होगा।
- संख्या 72:
- दोहा: “बंदउँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि सुबास सरस अनुरागा॥”
- अर्थ: मैं गुरु के चरणों की धूल को प्रणाम करता हूँ, जो सुगंधित और प्रेममय होती है। गुरु की सेवा से आपका कार्य सफल होगा।
रामायण प्रश्नावली ( राम शलाका प्रश्नावली )
रामायण भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और इसकी कहानियाँ और पात्र हमारी जीवनशैली और आस्थाओं में गहरे बसे हुए हैं। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित यह महाकाव्य न केवल एक धार्मिक ग्रंथ है बल्कि जीवन के आदर्शों और नैतिक मूल्यों का अद्वितीय पाठ भी है। यहाँ हम रामायण से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्नों और उनके उत्तरों के माध्यम से इस महाकाव्य को और गहराई से समझने की कोशिश करेंगे।
रामायण प्रश्नावली: एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक
रामायण भारतीय संस्कृति का एक अमूल्य रत्न है, जो न केवल एक महान काव्य रचना है, बल्कि जीवन के अनेक पहलुओं पर गहन दृष्टिकोण भी प्रदान करती है। इसमें भगवान श्रीराम की जीवन यात्रा, उनके आदर्श, उनके संघर्ष और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों का विवरण मिलता है। इसी क्रम में, रामायण प्रश्नावली का महत्व और भी बढ़ जाता है। रामायण प्रश्नावली एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने जीवन की समस्याओं का समाधान खोज सकता है और सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है।
रामायण प्रश्नावली का महत्व
रामायण प्रश्नावली की परंपरा का प्राचीन काल से ही पालन होता आ रहा है। यह एक प्रकार की दिव्य भविष्यवाणी या सलाह प्रणाली है, जो व्यक्ति को उसके जीवन के विभिन्न समस्याओं और प्रश्नों का उत्तर प्राप्त करने में सहायता करती है। इसका आधार वाल्मीकि रामायण है, जो कि संस्कृत भाषा में लिखी गई है और इसमें 24,000 श्लोक हैं। इस प्रश्नावली के माध्यम से व्यक्ति अपने मन में उठ रहे सवालों का उत्तर पाने के लिए रामायण का सहारा लेता है।
प्रश्नावली का उपयोग कैसे करें
रामायण प्रश्नावली का उपयोग करना अत्यंत सरल और प्रभावी है। पहले व्यक्ति को अपनी समस्या या प्रश्न को ध्यान में रखकर मन को शांत करना होता है। इसके बाद, रामायण के किसी पवित्र पाठ या श्लोक का स्मरण करते हुए भगवान श्रीराम का ध्यान किया जाता है। फिर एक निश्चित पद्धति के अनुसार, प्रश्नावली में दिए गए संकेतों या विधियों का पालन करते हुए उत्तर प्राप्त किया जाता है।
इस प्रक्रिया में प्रायः एक संख्यात्मक प्रणाली या संकेत पत्र का उपयोग किया जाता है, जो रामायण के विभिन्न अध्यायों या श्लोकों से संबंधित होते हैं। व्यक्ति जिस संकेत या संख्या का चयन करता है, वह रामायण के एक विशेष अंश से जुड़ा होता है, जो उसके प्रश्न का उत्तर प्रदान करता है। इस प्रकार, यह प्रणाली व्यक्ति को एक आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
रामायण प्रश्नावली न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व भी है। यह व्यक्ति को आत्मनिरीक्षण और आत्मज्ञान की दिशा में प्रेरित करती है। जब कोई व्यक्ति किसी समस्या या संकट में होता है, तो वह मानसिक और भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त हो सकता है। ऐसे समय में, रामायण प्रश्नावली का उपयोग करके वह अपने भीतर शांति और स्थिरता प्राप्त कर सकता है।
रामायण में भगवान श्रीराम के जीवन के अनेक प्रसंग ऐसे हैं जो जीवन के कठिन समय में प्रेरणा और साहस प्रदान करते हैं। चाहे वह वनवास का प्रसंग हो, सीता हरण का कष्ट या रावण वध की चुनौती, हर घटना में श्रीराम का धैर्य, संयम और धर्म पालन का आदर्श प्रस्तुत होता है। रामायण प्रश्नावली के माध्यम से व्यक्ति इन प्रसंगों से सीख लेकर अपने जीवन की समस्याओं का समाधान पा सकता है।
संस्कृति और परंपरा में भूमिका
रामायण प्रश्नावली का भारतीय संस्कृति और परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान है। यह न केवल धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों का हिस्सा है, बल्कि यह परिवार और समाज के विभिन्न निर्णयों में भी मार्गदर्शक की भूमिका निभाती है। रामायण प्रश्नावली का उपयोग विवाह, व्यापार, यात्रा, और अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए भी किया जाता है।
इसके अलावा, यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रही है। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनि और संत महात्मा इस प्रणाली का उपयोग करते आ रहे हैं। आधुनिक समय में भी, जब लोग विभिन्न प्रकार के तनाव और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, रामायण प्रश्नावली एक सरल और सुलभ साधन के रूप में उपलब्ध है।
रामायण प्रश्नावली का आधुनिक संदर्भ
आज के समय में, जब तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति ने जीवन को जटिल और तनावपूर्ण बना दिया है, रामायण प्रश्नावली का महत्व और भी बढ़ जाता है। यह प्रणाली न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि एक मानसिक और भावनात्मक संतुलन प्राप्त करने का माध्यम भी है।
आधुनिक जीवन में लोग अक्सर दिशाहीन और असुरक्षित महसूस करते हैं। कार्यस्थल का दबाव, पारिवारिक समस्याएं, स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं और अन्य अनेक कारणों से व्यक्ति मानसिक शांति और स्थिरता की तलाश करता है। ऐसे में, रामायण प्रश्नावली एक प्रभावी साधन के रूप में उभरती है, जो व्यक्ति को उसके भीतर की शांति और स्थिरता प्राप्त करने में सहायता करती है।
आधुनिक समय में इस प्रणाली को और भी सरल और सुलभ बनाने के प्रयास हो रहे हैं। डिजिटल युग में, विभिन्न ऐप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से रामायण प्रश्नावली का उपयोग किया जा सकता है। इससे यह परंपरा न केवल संरक्षित हो रही है, बल्कि इसे नए रूप में प्रस्तुत भी किया जा रहा है।
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